Wednesday, February 8, 2017

गठिया के लिए सर्वश्रेष्ठ 9 घरेलू उपाय Arthritis Symptoms and Treatments


अर्थराइटिस होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी 

वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। सूजन के साथ-साथ उस स्‍थान पर 

दर्द भी होने लगता है। अर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति 

को चलने–फिरने और घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है।


1-वजन घटाएं
मोटापे के शिकार लोगों में अर्थराइटिस की समस्‍या आम होती है। वजन को नियंत्रित करना इससे बचने का सबसे बेहतर और आसान तरीका है हालांकि वजन बढ़ने के बाद कम करना आसान नहीं है। लेकिन फिर भी आपको अर्थराइटिस से बचने के लिए वजन कम करना जरूरी होता है।


2-कब्‍ज से छुटकारा
अर्थराइटिस के रोग को रोकने के लिए कब्‍ज से छुटकारा पाना बहुत जरूरी होता है, इसके लिए अर्थराइटिस के रोगी को कुछ दिनों तक गुनगुना एनिमा देना चाहिए ताकि रोगी का पेट साफ हो।


3-आहार
विटामिन, एंटीऑक्सीडेन्ट और पौष्टिक तत्वों से भरपूर ताजे फल और सब्जियों का रस अर्थराइटिस के लिए अद्भुत उपचार है। लहसुन, मौसमी, संतरा, गाजर और चुकंदर के रस का पर्याप्त सेवन इस रोग से निजात दिलाने में सहायक है। साथ ही फूल गोभी का रस पीते रहने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है।


4-गतिशीलता
अर्थराइटिस रोगी को ना ही ज्यादा देर तक खाली बैठना चाहिए और न ही आवश्यकता से अधिक परिश्रम करना चाहिए, क्योंकि गतिहीनता के कारण जोड़ों में अकड़न आ जाती है, और अधिक परिश्रम से जोड़ों को हानि पहुंच सकती है।


5-मालिश
स्‍टीम बाथ और शरीर की मालिश अर्थराइटिस में काफी हद तक लाभ देती है। इसके लिए लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर मालिश करना या फिर लाल तेल से मालिश करना आरामदेह रहता है। जैतून के तेल से भी मालिश करने से अर्थराइटिस की पीड़ा काफी कम हो जाती है।


6-व्‍यायाम
अर्थराइटिस से पी‍ड़ित लोगों को एक्‍सरसाइज करनी चाहिए। यदि आपको व्‍यायाम करने में परेशानी होती है तो आप अपने घर में भी टहल सकते हैं। व्‍यायाम और सुबह के समय टहलने के साथ ही यदि आप स्वि‍मिंग भी करते हैं तो यह भी आपके लिए फायदेमंद रहेगा।


7-अदरक
अर्थराइटिस के दर्द के उपचार में अदरक का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। रोजाना दो सौ ग्राम अदरक दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। हाल ही में हुए चिकित्‍सीय शोधों में भी यह साफ हो चुका है कि सूप, सोस और सलाद के साथ अदरक का सेवन अर्थराइटिस की समस्‍या में राहत देता है।


8-एलोवेरा
एलोवेरा का सेवन केवल अर्थराइटिस के दर्द में ही आराम नहीं देता बल्कि अन्‍य बहुत सी बीमारियों में भी यह फायदेमंद है। एलोवेरा आपके इम्‍यून सिस्‍टम और ऊर्जा के स्‍तर को मजबूत करता है।


9-तांबा
तांबा भी अर्थराइटिस के दर्द से काफी हद तक राहत दिलाता है। कई लोग तो इसके दर्द से बचने के लिए तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीते हैं। ऐसा माना जाता है कि तांबे में ऑक्सिकरण रोधी गुण होते हैं जो अर्थराइटिस में हो रही जलन को कम करने में सहायता करते हैं।


नोट: यहाँ बताये गए सभी घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार सच्चाई की जाँच अपने विवेकानुसार अवश्य करें। किसी जानकर की सलाह लेना ज्यादा उपयोगी रहेगा।
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अस्थमा से निपटने के घरेलू उपचार Cure Asthma Attacks

अस्थमा से निपटने के घरेलू उपचार Cure Asthma Attacks


अस्‍थमा को नियंत्रित करने के लिये कुछ कारगर घरेलू उपचार भी हैं। ये उपाय काफी लाभदायक होते हैं। आइए जानें ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में।


1-अस्‍थमा Asthma

अस्‍थमा का अटैक पड़ने से श्वास नलिकाएं पूरी तरह बंद हो सकती हैं, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को आक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है। वैसे तो अस्‍थमा का उपचार डॉक्‍टरी परामर्श से ही करवाना बेहतर होता है, लेकिन अस्‍थमा को नियंत्रित करने के लिये कुछ कारगर घरेलू उपचार भी हैं। ये उपाय काफी लाभदायक होते हैं। आइए जानें ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में।

2-अदरक और लहसुन Ginger and garlic

अदरक और लहसुन दोनों ही अस्‍थमा के इलाज में फायदेमंद होते हैं। अस्‍थमा की शुरुआती अवस्‍था में 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल कर इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अदरक की गर्म चाय में लहसुन की दो कलियां मिलाकर सुबह-शाम पीकर भी अस्‍थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।


3-अजवाइन celery

आधा कप अजवाइन का रस और इसमें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर सुबह और शाम भोजन के बाद लेने से अस्‍थमा नष्ट हो जाता है। अस्‍थमा से बचाव के लिए अजवाइन के पानी से भाप लेना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप को लें। इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।


4-शहद Honey

शहद को अस्‍थमा में काफी लाभदायक माना जाता है। शहद बलगम को ठीक करता है, जो अस्‍थमा की परेशानी पैदा करता है। अस्‍थमा का अटैक आने पर शहद को सूंघने से भी लाभ मिलता है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से अस्‍थमा में निश्चित रूप से लाभ मिलता है। 


5-सहजन की पत्तियां Drumstick Leaves

सहजन की पत्तियों को पानी में करीब 5 मिनट तक उबाल कर छान लें। मिश्रण को हल्‍का सा ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई नींबू का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पियें। इस तरह का काढ़ा अस्‍थमा के लिए बढि़या इलाज माना जाता है।


6-मेथी  Fenugreek

शरीर की भीतरी एलर्जी को दुरुस्‍त करने में मेथी काफी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिला कर रोज सुबह-शाम सेवन करें। आपको निश्‍चित लाभ होगा। अस्‍थमा के मरीज मेथी का यूं भी सेवन कर सकते हैं।


7-योग Yoga

अस्‍थमा से पीड़ित व्‍यक्ति को योगासन और प्राणायाम का अभ्‍यास करना चाहिए। इसके लिए सुबह के समय रीढ़ की हड्डी को सीधे रखकर खुली और साफ स्वच्छ हवा में सांस लेनी और छोड़नी चाहिए। इससे भोजन ठीक प्रकार हजम होगा और शरीर को पूरी ऊर्जा मिलेगी। इससे फेफड़े और श्‍वसन प्रक्रिया भी दुरुस्‍त होती है।


8-सूखा अंजीर Dried figs

अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है उतना ही लाभदायक भी होता है। अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। यह कफ को जमने से भी रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो कर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है। और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है।


9-करेला Bitter Gourd

करेला पोषक गुणों से भरपूर होता है। इससे अस्‍थमा का भी असरदार इलाज होता है। करेला का एक चम्‍मच पेस्‍ट शहद और तुलसी के पत्‍ते के रस के साथ मिला कर खाने से अस्‍थमा में फायदा होता है। साथ ही इससे अंदर की एलर्जी से भी राहत मिलती है।


10-हरी सब्जियां Green Vegetables

अस्‍थमा से पी‍ड़‍ित लोगों को भोजन को धीरे-धीरे, अच्‍छे से चबाकर और अपनी क्षमता से कम खाना चाहिए। कम से कम आठ से दस गिलास पानी प्रतिदिन पीना चाहिए। आहार में कार्बोहाइड्रेट चिकनाई एवं प्रोटीन जैसे पदार्थों को कम से कम और ताजे फल, हरी सब्जियां तथा अंकुरित चने जैसे क्षारीय खाद्य पदार्थों को भरपूर मात्रा में लेना चाहिए।


11-तेल की मालिश Massage oil

अस्‍थमा होने पर छाती और रीढ़ की हड्डी पर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के कुछ देर बाद स्‍टीमबॉथ भी करना चाहिए। ऐसा प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में अस्‍थमा में आराम मिलने लगता है।


नोट: यहाँ बताये गए सभी घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार सच्चाई की जाँच अपने विवेकानुसार अवश्य करें। किसी जानकर की सलाह लेना ज्यादा उपयोगी रहेगा।

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