Tuesday, February 14, 2017

जवां दिखने के 9 उपाय Anti Aging Tips in Hindi



कहते हैं स्त्रियों से उनकी उम्र नहीं पूछना चाहिए, लेकिन क्या हो अगर उम्र तो कम हो मगर आप दिखें ज्यादा ! माना कि उम्र को वापस नहीं लौटाया जा सकता , मगर चेहरे की लकीरों को कम कम तो किया जा सकता है।जीवनशैली और उम्र में गहरा संबंध है। जीवनशैली में कुछ बदलाव करके उम्र को हावी होने से रोका जा सकता है। 

सप्ताह में कम से कम पांच दिन 30-45 मिनट तक ब्रिस्क वॉक करें। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं, ऑस्टिपोपरोसिस की आंशका कम होती है। ऐरोबिक एक्सरसाइज  हाई बल्ड प्रेशर और हृदय रोग से बचाती हैं, ब्लड क्लॉटिंग रोकती है।

बॉडी मास इंडेक्स वह पैमाना होता है जो सेहत का पता देता है। 25 वर्षीय स्त्री ओवरवेट होने पर 40 की दिख सकती है लेकिन 40 साल की महिला संतुलित खनपान और व्यायाम के बल पर 25-30 की दिख सकती है। अगर बॉडी वेट आपके आदर्श वजन से 20 प्रतिशत अधिक है तो इसे कम करें क्योंकि यह न सिर्फ उम्र को  10-15 साल आगे बढ़ा देगा बल्कि कई रोगों से भी ग्रस्त कर देगा।

चेहरे की सुंदरता बरकरार रखने के लिए दांतों व आंखों की देखभाल जरूरी है। खासतौर पर 40 के बाद इनमें प्रॉब्लमस शुरू हो जाती हैं। शुरु से इसका ध्यान रखें।

तनाव वह कारण है जो चेहरे की रौनक खत्म कर देता है। जवां दिखने के लिए खुद को तनावमुक्त रखें। दबाव से शरीर की स्वाभाविक  संतुलन बिगड़ता है हार्मोंस सीक्रेशन सेल्स और कोलाजेन प्रोडक्शन बिगड़ता है। एक शोध कहता है कि लगातर  दबाव से मस्तिष्क की उम्र बढ़ती है इसलिए सुकून से जिएं। यह तभी संभव है, जब रोज कुछ पल दिमाग को आराम दें। अच्छा संगीत सुनें फिल्म या कॉमेडी शो देखें सुबह-शाम सैर करें और सात से आठ घंटे की नींद लें।

त्वचा को नियमित देखभाल करें। स्किन ऑयली है तो कम से कम दो बार किसी अच्छे क्लींजर से चेहरा साफ करें और टोनिंग करें। धूप से बाहर निकलने से 20-30 मिनट पहले  एसपीएफ -युक्त सनस्क्रीन लगाएं।

उम्र के साथ हर वर्ष औसतन एक प्रतिशत तक बोन मास नष्ट होता है। बोन मिनरल्स नष्ट होने से हड्डियां कमजोर होती है और फ्रैक्चर्स की आंशका बढ़ती है। वेट बियरिंग एक्सरसाइज जैसे साइक्लिंग, वॉक, स्विमिंग या वेट ट्रेनिंग से हड्डियां मजबूत होती हैं। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

कैफीन और एल्कोहल का सेवन सीमित मात्रा में करें। स्मोकिंग उम्र को तेजी से बढ़ाती है रोगों को दावत देती है।

चलने-फिरने, बैठने और लेटने के पोशचर को ठीक रखें। युवा दिखने के लिए शरीर को शेप में रखना जरूरी है और इसके लिए आदतें सुधारनी होंगी। पीठ के बल सोएं, करवट लेकर सोने से 'क्लीवेज रिंकल्स बढ़ते हैं। पेट के बल सोने से भी गले चेहरे छाती में स्लीप लाइंस पड़ने लगती हैं।

त्वचा की नमी बनाए रखें। इसके लिए मॉश्चरराइजर  का प्रयोग करें। चेहरे को साबुन से बार-बार धोने की बजाय किसी केमिकल रहित फेसवॉश का प्रयोग करें। 

नोट: यहाँ बताये गए सभी घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार सच्चाई की जाँच अपने विवेकानुसार अवश्य करें। किसी जानकर की सलाह लेना ज्यादा उपयोगी रहेगा।

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बेसन के 10 फेस पैक Gram flour 10 face packs


बेसन साफ़ और दमकती त्वचा पाने का एक बेहद पुराना तरीका भी है। बिना किसी झिझक के कैसी भी त्वचा पर बेसन का इस्तेमाल कर सकते हैं बेसन टैन और मृत त्वचा निकालने में मदद करता है और साथ ही देता है कांति भरी त्वचा। गोरा बनाने के साथ ही बेसन त्वचा की कई समस्याओं को दूर करता है।मुंहासों, कील और काली होती त्वचा के लिए बेसन बेहतरीन इलाज है।अपनी त्वचा के मुताबिक इन फेस पैकों को इस्तेमाल करें।

2 छोटे चम्मच बेसन ,गुलाब जल की कुछ बूँदें बेसन को गुलाब जल में मिलाकर पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएँ। 15 मिनट तक सुखाने के बाद गुनगुने पानी से धो दें। इस मिश्रण में दही मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तैलीय त्वचा के उपाय, इस आसान और घरेलू फेस पैक से त्वचा साफ़ और तरोताजा हो जाती है।

1 छोटा चम्मच दूध,1 छोटा चम्मच शहद,½  छोटा चम्मच हल्दी पाउडर  बेसन, दूध, शहद और हल्दी पाउडर मिला कर बिना गांठ वाला पेस्ट बना लें। चेहरे पर लगा कर 15 मिनट के छोड़ दें। त्वचा के प्रोटीन सोखने के बाद सामान्य पानी से धो दें और हल्के से सुखाएँ। शुष्क त्वचा के उपाय, चूंकि मिश्रण शहद और दूध से बना है इसलिए त्वचा नम व चमकदार हो जाती है।

2 छोटे चम्मच बेसन , एक छोटा चम्मच शहद। , एक छोटा चम्मच चंदन पाउडर , गुलाब जल की कुछ बूँदें। , एक चुटकी हल्दी पाउडर उपर दी गई सभी सामग्रियों को एक कटोरी में मिलाकर ठंडे पानी से चेहरा धोकर चेहरे पर लगाएँ। मुहांसों का इलाज, 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद गुनगुने पानी से धोएँ। मुंहासों पर यह पैक बहुत प्रभावी है। बेहतर परिणाम के लिए सप्ताह में 3 बार इस्तेमाल करें।

3 छोटे चम्मच बेसन , 3 छोटे चम्मच खीरे का पेस्ट बेसन पाउडर को कटोरे में लेकर इसमें खीरे का पेस्ट अच्छे से मिलाएँ। अब फेस मास्क की तरह लगाएँ और 20 मिनट बाद सूखने पर गुनगुने पानी से धो दें। इसके बाद चेहरे को सूती कपड़े से हल्के से सुखाएँ। झाइयां दूर करने के उपाय, इसका उपयोग निश्चित अंतराल पर करने से मुहाँसे दूर होते हैं।

2 चम्मच बेसन , एक चुटकी हल्दी पाउडर , गुलाब जल की 4-5 बूँदें , नींबू के रस की कुछ बूँदें बेसन, नींबू का सत्व, गुलाब जल, और हल्दी पाउडर को कटोरे में मिलाकर पूरे चेहरे और गले पर लगाएँ। इसे 20 मिनट तक लगाकर गुनगुने पानी से धोने पर बेहतर परिणाम मिलेगें।

बादाम और बेसन का प्राकृतिक फेस मास्क लगाने से आपकी त्वचा काफी चमकदार और आकर्षक हो जाएगी। इस मास्क को बनाने के लिए 4 बादाम लें और इन्हें ग्राइंडर की मदद से अच्छे से ग्राइंड कर लें। अब एक छोटे पात्र में बादाम के इस पेस्ट को डाल दें तथा इसमें आधे नींबू का रस और आधा चम्मच बेसन डालें। इन सारे पदार्थों को एक चम्मच या फोर्क की सहायता से मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। इस मास्क को चेहरे पर 30 मिनट तक रखें। इसके बाद अपने चेहरे को सादे पानी से धो लें। इससे आपको बेहतरीन ब्लीचिंग इफ़ेक्ट के साथ चमकदार त्वचा की भी प्राप्ति होगी।

एक कप दही लें और इसे एक कांच के पात्र में डालें जिसमें आप आमतौर पर फेस पैक बनाते हैं। अब इसमें एक चम्मच बेसन मिलाएं और इस मिश्रण को एक चम्मच या स्पैचुला की मदद से अच्छे से मिलाएं। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। इसके बाद इस पैक के पोषक पदार्थों को अपने चेहरे में समाने का समय दें। इस विधि का पालन दिन में तीन बार करें जिससे आपके चेहरे का निखार, जो सूरज की तेज़ रौशनी, धूल और प्रदूषण में कहीं खो गया है, वापस आपके चेहरे पर आ जाए।

सबसे पहले एक मुट्ठी मेथी को पानी में भिगोएं तथा इसे ग्राइंडर में डालकर इसका पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को एक पात्र में डालें  और इसमें  2 चम्मच बेसन और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। इसमें मौजूद उत्पादों को अच्छे से मिला लें तथा इसके बाद इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं। इसे लगाने के बाद धीरे धीरे उँगलियों की मदद से अपनी नाक के ऊपर, माथे तथा त्वचा के अन्य भागों पर लगाएं। यह स्क्रब चेहरे के ब्लैकहेड्स और वाइटहेड्स को त्वचा से पूरी तरह हटाने में काफी कारगर साबित होता है।

टमाटर त्वचा के काले टैन को पूरी तरह हटाने के लिए जाना जाता है तथा बेजान और अनाकर्षक स्किन टोन पर बेहतरीन चमक लाने के लिए भी यह प्रसिद्द है। अगर टमाटर के रस में बेसन को मिला लिया जाए तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इस पैक को बनाने के लिए आपको जिन सामग्रियों की ज़रुरत है, वे हैं एक पका टमाटर, एक चम्मच नींबू का रस तथा 1 चम्मच बेसन। अपने द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले टमाटर का पल्प निकालें, खासकर वह भाग जो रस से भरपूर है। पर ध्यान रखें कि टमाटर से इसके बीज निकाल लें। अब एक छोटा पात्र लें और टमाटर के पल्प को बेसन के साथ मिश्रित करें। अब इसमें नींबू भी डालें और इन सब पदार्थों को एक साथ मिलाएं। एक महीन पल्प बनाने के बाद इसे चेहरे पर अच्छे से लगाएं। इस पैक को चेहरे पर करीब 20 मिनट तक रखें और इसके एक बार सूख जाने के बाद इसे हटा दें। क्योंकि नींबू में प्राकृतिक रूप से ब्लीचिंग के गुण होते हैं, अतः इसकी मदद से गोरी त्वचा पाना काफी आसान है।

अगर आपकी त्वचा का टोन ऑयली है तो आयल कंट्रोल काफी आवश्यक है। बेसन और पाउडर के रूप में संतरे के छिलके आपकी त्वचा को चमकदार और आकर्षक बनाने में सक्षम हैं। इस पैक को बनाने के लिए ज़रूरी सामग्रियाँ हैं आधा चम्मच संतरे के छिलकों का पाउडर, दूध, एक चुटकी हल्दी, 1 चम्मच बेसन और एक चम्मच शहद।ऊपर दिए गए सारे पदार्थों को एक पात्र में डालें और अच्छे से मिलाएं। इसे अपनी त्वचा पर लगाएं और 20 मिनट के बाद इसे धो लें। इसके बाद आप बालों में फर्क को स्वयं महसूस करें।

नोट: यहाँ बताये गए सभी घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार सच्चाई की जाँच अपने विवेकानुसार अवश्य करें। किसी जानकर की सलाह लेना ज्यादा उपयोगी रहेगा।

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लीची के 11 फायदे 11 Benefits of Lychee



लीची में पानी की मात्रा काफी होती है।गरमी में लीची खाने से यह शरीर में पानी के अनुपात को संतुलित रखते हुए ठंडक भी पहुंचाती है। इसमें विटमिन सी, पोटैशियम और नैसर्गिक शक्कर की भरमार होती है।  तो आइए जानते हैं कि लीची के फायदों के बारे में.

लीची बीज के पाउडर में दर्द से राहत पहुंचाने के गुण हैं। पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए बीज के पाउडर की चाय पीना फायदेमंद है। ऐसी चाय पीने से तंत्रिका तंत्र में होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है। पेट के कीड़े मारने के लिए शहद में यह पाउडर मिला कर खाया जाता है

लीची में सूरज की अल्ट्रावॉयलट यूवी किरणों से त्वचा और शरीर का बचाव करने की खासियत होती है। इसके नियमित सेवन से ऑइली स्किन को पोषण मिलता है। साथ ही मुंहासों के विकास को कम करने में मदद मिलती है। चेहरे पर पड़ने वाले दाग-धब्बों में कमी आ जाती है।

लीची विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत होने के कारण खांसी-जुकाम, बुखार और गले के संक्रमण को फैलने से रोकती है। यह संक्रामक एजेंटों के खिलाफ प्रतिरोधक के रूप में काम करती है और हानिकारक मुक्त कणों को हटाती है।

हल्के दस्त, उल्टी, पेट की खराबी, पेट के अल्सर और आंतरिक सूजन से उबरने में लीची का सेवन फायदेमंद है। यह कब्ज या पेट में हानिकारक टोक्सिन के प्रभाव को कम करती है। गुर्दे की पथरी से होने वाले पेट दर्द से आराम पहुंचाती है।

लीची का रस एक पौष्टिक तरल है। यह गर्मी के मौसम से संबंधित समस्याओं को दूर करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है। लीची हमारे शरीर में संतुलित अनुपात में पानी की आपूर्ति करती है।

लीची ऊर्जा का स्त्रोत है। थकान और कमजोरी महसूस करने वालों के लिए लीची बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद नियासिन हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए आवश्यक स्टेरॉयड हार्मोन और हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, इसलिए काम की थकावट के बावजूद लीची खाने से आप दोबारा ऊर्जावान हो जाते हैं।

लीची हमारी सेहत के साथ ही फिगर का भी ध्यान रखती है। इसमें घुलनशील फाइबर बड़ी मात्रा में मिलता है, जो मोटापा कम करने का अच्छा विकल्प है। फाइबर हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है और अंदरूनी समस्याओं को रोकने में मदद करता है।

यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया के लिए जरूरी है। इससे बीटा कैरोटीन को जिगर और दूसरे अंगों में संग्रहीत करने में मदद मिलती है। फोलेट हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। इससे हमारा तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है।

लीची एक अच्छा ऐंटिऑक्सिडेंट भी है। इसमें मौजूद विटमिन सी हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण और लोहे के अवशोषण में भी मदद करता है, जो एक प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए जरूरी है। रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटमिन बी काफी मात्रा में पाया जाता है।

लीची को बतौर फल ही नहीं खाया जाता, इसका जूस और शेक भी बहुत पसंद किया जाता है। जैम, जैली, मार्मलेड, सलाद और व्यंजनों की गार्निशिंग के लिए भी लीची का इस्तेमाल किया जाता है। छोटी-सी लीची में कार्बोहाइड्रेट, विटमिन सी, विटमिन ए और बी कॉम्प्लेक्स, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्निशियम, फॉस्फोरस, लौह जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं, जो इसे काफी फायदेमंद बना देते हैं।

लीची का सेवन सीमित मात्र में ही करें, यह नुकसानदेह भी साबित हो सकती है। 10-11 से ज्यादा लीची न खाएं। इससे ज्यादा लीची का सेवन नकसीर और सिर दर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। यह शरीर में खुजली, जीभ तथा होंठों में सूजन और सांस लेने में कठिनाई भी पैदा कर सकता है।

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