ड़ायबीटिज एक बहुत हीं खतरनाक बीमारी है लेकिन अगर आप प्राकृतिक उपायों से इस पर नियंत्रण कर सके तो मधुमेह से आपको घबराने की जरुरत नहीं है। ड़ायबीटिज का उपचार करें। निम्न कुछ प्राकृतिक उपचार से आप ड़ायबीटिज पर नियंत्रण पा सकते हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि दालचीनी मधुमेह को नियंत्रित करने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दालचीनी लगभग हर घर में पाया जाता है। यह हानिकारक कोलेस्ट्रोल को कम करता है और आपके शरीर में रक्त शर्करा कि मात्रा को भी घटाता है जिससे मधुमेह के रोगियों को बहुत हीं लाभ पहुँचता है। दालचीनी भले हीं मधुमेह का प्राकृतिक उपचार करने में सहायक सिद्ध होता है लेकिन इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लाभ कि बजाये नुकसान हो सकता है। आप दालचीनी पीस लें और चुटकी भर चाए में उबालकर दिन में एक दो बार पिया करें।जो लोग मधुमेह के शिकार हो चुके हैं और उसके लिए दवाइयां ले रहे हैं वे दालचीनी का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर कि सलाह अवश्य लें। लेकिन जिन्हें मधुमेह नहीं हुआ है या जो अब तक मधुमेह कि दवाइयां नहीं ले रहे हैं वे अगर दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करें तो वे ड़ायबिटिज के शिकार होने से बच सकते हैं।
अंजीर के पत्ते कई प्रकार के रोगों के उपचार में लाभ पहुंचाते हैं जैसे ब्रोंकाइटिस, जननांग मौसा, लीवर सिरोसिस, उच्च रक्तचाप इत्यादि। लेकिन मधुमेह के इलाज के लिए अंजीर के पत्ते सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। अंजीर के पत्तों से न सिर्फ मधुमेह का उपचार किया जाता है बल्कि ये पत्ते और भी कई बीमारियों में लाभ पहुंचाते है। इसके पत्ते को उबालकर, छानकर, पानी को ठंढा करके पीया करें।
यूँ तो पका हुआ आम मधुमेह के मरीजों के लिए पूरी तरह से वर्जित होता है लेकिन इसके विपरीत आम के पत्ते मधुमेह के मरीजों को काफी लाभ पहुंचाते हैं। आप आम के कुछ ताजे पत्तों को एक ग्लास पानी में उबाल लें और रात भर उसे वैसे हीं छोड़ दें। सुबह होने पर पानी को स्वच्छ कपडे से छान लें और खाली पेट में पी लिया करें। ऐसा नियमित रूप से कई दिनों तक करने से ड़ायबीटीज के मरीजों को काफी फायदा पहुंचता है। यह मधुमेह के लिए एक बहुत हीं प्रभावी प्राकृतिक एवं घरेलु उपाय है।
ड़ायबीटिज को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने में मेथी के बीज भी बहुत हीं कारगर सिद्ध होते हैं। मेथी के बीज में कुछ ऐसे घटक छिपे होते हैं जो आपके शरीर के भीतर मौजूद रक्त शर्करा को कम करते हैं। इसमें ४ हाईड्रोओक्सीसोल्युसीन नामक अमीनो एसिड होता है। यह अमीनो एसिड आपके अग्न्याशय से इंसुलिन का स्राव उत्तेजित करते हैं जिसकी वजह से आपके रक्त में मौजूद शर्करा इंधन के रूप में बदल जाता है। इस तरह एक ओर जहाँ इस प्रक्रिया से आपको शक्ति एवं उर्जा मिलती है वही दूसरी ओर आपके शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है। मेथी के बीज में जेनटियानाइन, ट्रीगोनेलीन और कारपाइन नामक घटक भी पाए जाते हैं जो आपके भोजन से कार्बोहाईडरेट का अवशोषण धीमा करते हैं और आपके रक्त प्रवाह में ग्लूकोज की मात्रा घटाते हैं।
ताजे करेले का रस भी ड़ायबीटिज को नियंत्रित करने का एक बहुत हीं प्रभावकारी प्राकृतिक उपचार है। एक छोटे से करेले का बीज निकाल लें और करेले का रस निकलकर रोजाना सुबह सुबह खाली पेट में पीया करें। यह आपके लीवर और अग्न्याशय को स्वस्थ रखता है जिससे कि इंसुलिन का उत्पादन सुचारू रूप से होता रहता है और आपके रक्त में रक्त शर्करा की मात्रा बढ़ने नहीं पाती।
नोट: यहाँ बताये गए सभी घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार सच्चाई की जाँच अपने विवेकानुसार अवश्य करें। किसी जानकर की सलाह लेना ज्यादा उपयोगी रहेगा।
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