गर्मियों के आते ही लू के थपेड़े और चिलचिलाती धूप लिए भले ही शहर की सड़कों पर तपती दोपहर में सन्नाटा झा जाता हो, पर लंगड़ा, चौसा, दशहरी और फजली की पुकार बंद दरवाजों को भी खुलने पर मजबूर कर देती है।
आम में मौजूद ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स, कोलोन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में मददगार हैं। इसमें क्यूर्सेटिन, एस्ट्रागालिन, फिसेटिन जैसे कई तत्व हैं जो कैंसर से बचाव करते हैं।
आम में फाइबर और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होते हैं जो लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मदद करते हैं।
आम खाएं या पैक के रूप में लगाएं, यह त्वचा के छिद्र खोलता है जिससे मुंहासे कम होते हैं। साथ ही आम में भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है और रतौंधी जैसे रोगों से दूर रखता है।
आम विटामिन ई का अच्छा स्रोत है और रिसर्च के मुताबिक यह कामेच्छा को बढ़ाता है।
पपीते की तरह ही आम भी पाचन अच्छा रखता है। इसमें ऐसे कई एन्जाइम्स होते हैं जो शरीर में प्रोटीन को तोड़ने में मदद करते हैं।
आम में विटामिन सी और विटामिन ए के अलावा 25 प्रकार के कैरोटेनॉयड्स होते हैं जो शरीर में प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं।
आम के पत्ते खून में इन्सुलिन का स्तर बढ़ाते हैं। इन्हें अगर रात भर पानी में भिगोकर छोड़ दें और फिर उस पानी को छानकर पिएं तो शरीर में इन्सुलिन का स्तर सामान्य रहेगा।
नोट: यहाँ बताये गए सभी घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार सच्चाई की जाँच अपने विवेकानुसार अवश्य करें। किसी जानकर की सलाह लेना ज्यादा उपयोगी रहेगा।
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